इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा जिताऊ और ब्राह्मण प्रत्याशी की तलाश कर रही है। इस दौरान अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी का नाम सामने आ रहा है।
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सभी दलों ने अधिकांश प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है। यूपी में अन्य दलों की तरह बीजेपी भी उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही है। माना जा रहा है कि इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को सही प्रत्याशी की तलाश है। बीजेपी किसी पुराने ब्राह्मण नेता के परिवार पर दांव लगा सकती है। सूत्र बताते हैं कि दिवंगत नेता केसरीनाथ त्रिपाठी के बेटे अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी का नाम तेजी से सामने आ रहा है।
प्रयागराज के विकास में दिवंगत नेता केसरीनाथ की अहम भूमिका
पूर्व राज्यपाल रहे दिग्गज नेता केसरी नाथ त्रिपाठी ने सदैव प्रयागराज के विकास के लिए काम किया। यही कारण है कि उनके निधन के बाद पुराने समर्थक नीरज त्रिपाठी और उनकी पत्नी कविता को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाह रहे थे। हालांकि उस दौरान भाजपा ने नीरज त्रिपाठी को सही समय आने पर उचित सम्मान देने की बात कही थी। एक बार फिर से लोकसभा चुनाव आते ही कार्यकर्ताओं की मांग बढ़ गई है। नीरज त्रिपाठी वर्तमान समय में हाईकोर्ट इलाहाबाद में अपर महाधिवक्ता हैं। वह बेदाग छवि के लोकप्रिय वकील हैं। प्रयागराज में उनके हजारों समर्थक हैं। नीरज त्रिपाठी और उनकी पत्नी कविता लगातार सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाते हैं। संगठन के कार्यक्रमों में उनकी पत्नी की भागीदारी होती है। वर्तमान समय में कविता भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश मंत्री हैं।
प्रदेश अध्यक्ष, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल का पद संभाल चुके थे केसरीनाथ
केसरी नाथ त्रिपाठी भाजपा के बड़े नेता थे। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल के पद पर रहे। आठ जनवरी 2023 को उनके निधन पर प्रयागराज समेत पूरा प्रदेश रोया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं ने शोक जताया था। लोग बताते हैं कि प्रयागराज के यमुनापार क्षेत्र के विकास के लिए केसरीनाथ त्रिपाठी ने अंतिम समय में भी सीएम योगी से कहा था। यही कारण है कि आज नैनी के अरैल में बनने वाला त्रिवेणी पुष्प के लिए सीएम ने पहल की। इसके अलावा बिजली, पानी, सड़क पर भी खूब काम किया।
राजनीति को व्यापार न बनाना, मेरे जाने के बाद बेटे को चुनाव लड़ाना
केसरी नाथ त्रिपाठी हमेशा कहते थे कि राजनीति को व्यापार नहीं बनाना चाहिए। वह परिवारवाद के खिलाफ थे। अपने जिंदा रहते कभी बेटे को राजनीति में नहीं भेजा। उन्होंने अंतिम समय में कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर सही व्यक्ति का चुनाव करने का संकल्प दिलाया। सभाओं में केसरीनाथ त्रिपाठी से जब कार्यकर्ता बेटे को राजनीति में लाने की बात करते थे तो वह कहते थे कि मेरे जाने के बाद बेटे को राजनीति में लाइएगा। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकताओं की मंशा है कि नीरज त्रिपाठी चुनाव लड़ें।